अकबर का लोटा रखा है शीशे की अलमारी में
राना के "चेतक" घोड़े की एक लगाम
जैमल सिंह पर जिस बन्दूक से अकबर ने
दागी थी गोली |
रखी है !
शिवाजी के हात का कबजा
"त्याग राज" की चौकी, जिस पर बैठ के रोज़
रियाज किया करता था वो|
'थुन्चन' की लोहे की कलम है|
और लड़ाऊँ तुल्सीदास की
'खिलजी' की पगड़ी का कुल्ला..|
जिन में जान थी, उन सब का देहांत हुआ
जो चीजें बेजान थीं, अब तक जिंदा हैं !!
- गुलजार
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